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रूड़की अस्पताल की आयुष्मान सूचीबद्धता निरस्त, एनएबीएच का फर्जी प्रमाण पत्र देने पर हुई कार्रवाई

70.54 लाख रूपए की होगी वसूली, प्राथमिकी दर्ज करने की तैयारी

देहरादून। जनपद हरिद्वार में आयुष्मान योजना के अंतर्गत सूचीबद्ध रूड़की अस्पताल को राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण ने डिइंपैनल कर दिया है। इसके अलावा करीब सत्तर लाख रुपए की वसूली व प्राथमिकी दर्ज करने की कार्यवाही अमल में लाई जा रही है। अस्पताल पर फर्जी एनएबीएच प्रमाण पत्र के जरिए लाभ उठाने व अनुबंध की शर्तों के उल्लंघन के आरोप हैं।

प्राधिकरण के निदेशक (हॉस्पिटल मैनेजमेंट) डा. राजन अरोड़ा द्वारा जारी आदेश में अवगत कराया गया कि रूड़की अस्पताल ने सूचीबद्धता में नेशनल एक्रीडिटेशन बोर्ड व हॉस्पिटल्स एनएबीएच का जो प्रमाण पत्र दिया है। वह प्रमाणपत्र राष्ट्रीय स्वास्थ्य प्राधिकरण के पोर्टल पर दिख रहे प्रमाण पत्र से कहीं भी मेल नहीं खाता है। इस दौरान एनएबीएच की ओर से भी फर्जी प्रमाण पत्र जारी करने की शिकायतों पर सतर्क रहने को परिपत्र जारी किया गया था। जिसमें साफ है कि फर्जी एनएबीएच प्रमाण के लिए संबंधित अस्पताल जिम्मेदार है। अस्पताल पर पेनाल्टी सहित 70,54,118 रूपए की वसूली के आदेश जारी कर दिए गए हैं। अस्पताल को यह राशि एक सप्ताह के भीतर जमा करनी होगी।

बता दें कि एनएबीएच अस्पताल की व्यवस्थाओं का मूल्यांकन कर एंट्री लेवल व फुल एनएबीएच प्रमाण पत्र जारी करता है। एंट्री लेवल में 10 प्रतिशत व फुल एनएबीएच को 15 प्रतिशत प्रोत्साहन राशि प्राधिकरण द्वारा दी जाती है इसके अलावा एनएबीएच प्रमाण पत्र वाले अस्पतालों में रैफरल की बाध्यता भी नहीं होती।

इस संदर्भ में राज्य स्वास्थ्य प्राधिकरण की मुख्य कार्यकारी अधिकारी रीना जोशी (आईएएस) ने कहा कि उक्त पर नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। यह योजना आयुष्मान जन कल्याण से जुड़ी है। इसमें मानकों का उल्लंघन करना अपने आप में अपराध है। इसे किसी बर्दास्त नहीं किया जा सकता।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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