उत्तराखण्डखेल/मनोरंजनपौड़ी

हार और जीत तो किसी भी खेल के दो हिस्से हैं: प्राचार्य डा. राजवंशी

महाविद्यालय जयहरीखाल में विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के साथ दो दिवसीय क्रीड़ा समारोह का हुआ समापन

कोटद्वार। भक्त दर्शन राजकीय स्नात्तकोत्तर महाविद्यालय में आयोजित दो दिवसीय क्रीड़ा समारोह का विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं के साथ समापन हो गया। आयोजित क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में खिलाड़ियों ने दमखम के साथ अपना हुनर दिखाया। क्रीड़ा प्रतियोगिताओं में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर कु. राधिका व प्रियांशु इस वर्ष की महाविद्यालय चैंपियन रहीं।

बुधवार को महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. डा. लवनी रानी राजवंशी की अध्यक्षता में आयोजित क्रीड़ा समारोह के दूसरे दिन बैडमिंटन, टेबल टेनिस, ऊंची कूद, भाला फेक आदि प्रतियोगिताएं संपन्न हुयी। जिनमें अनेक प्रतिभागियों द्वारा प्रतिभाग किया गया। आयोजित बैडमिंटन प्रतियोगिता में कु.नेहा प्रथम व कु.कुमकुम ने द्वितीय स्थान हासिल किया। टेबल टेनिस में कु. कुमकुम प्रथम जबकि कु.नेहा ने द्वितीय स्थान पर रही। वहीं, छात्र वर्ग बैडमिंटन में रयात प्रथम व देवांश वर्मा ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। टेबल टेनिस मे नवनीत प्रथम व प्रियांशु ने द्वितीय स्थान प्राप्त किया। ऊंची कूद में कु. काजल रावत ने प्रथम, कु.निकिता रावत ने द्वितीय एवं कु.नेहा ने तृतीय स्थान हासिल किया। वहीं, छात्र वर्ग मे दुष्यंत ने प्रथम, हिमांशु ने द्वितीय व मो. शाहीद ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।

महाविद्यालय की प्राचार्य डा. राजवंशी द्वारा दो दिवसीय क्रीड़ा समारोह की विभिन्न प्रतियोगिताओं में विजेता छात्र छात्राओं को मेडल और स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित कर उनके उनके उज्जवल भविष्य के लिये शुभकामनाएं दी गयी। प्राचार्य डा. राजवंशी ने अपने संबोधन में कहा कि हार और जीत तो किसी भी खेल के दो हिस्से हैं। किसी भी प्रतियोगिता में साहस के साथ उत्साह पूर्वक प्रतिभाग करना ही हमें आगे बढ़ने की प्रेरणा देता है।

कार्यक्रम का संचालन डा. उमेश ध्यानी एवं डा. विक्रम सिंह एवं संयोजन क्रीड़ा सचिव डा.आरके द्विवेदी ने संयुक्त रूप से किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राध्यापक डा. वीके सैनी, डा. वरुण कुमार, डा. अभिषेक कुकरेती, डा. सोएब अंसारी, डा. मानसी वत्स्य, डा. दुर्गा, डा. नेहा, डा. सुमन सहित मकविद्यालय के कर्मचारी व छात्र छात्राएं उपस्थित थे।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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