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देवभूमि उद्यमिता योजना प्रशिक्षण का हुआ समापन, स्वरोजगार हेतु छात्र छात्राओं ने सीखे उद्यमिता के गुरु

महाविद्यालय हमेशा छात्र छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रयासरत : प्राचार्य

कोटद्वार। भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में बारह दिवसीय देवभूमि उद्यमिता योजना प्रशिक्षण कार्यक्रम का आज समापन हुआ। इस मौके पर उपस्थित उद्यमियों, रिसोर्स पर्सन व अतिथियों द्वारा अपने अनुभवों को छात्र छात्राओं से साझा करते हुए उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया गया।

सोमवार को महाविद्यालय परिसर में आयोजित कार्यक्रम में नोडल अधिकारी डा. विक्रम सिंह ने विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत कर बताया कि इस योजना के माध्यम से छात्र छात्राओं को उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं जैसे मार्केटिंग, फाइनेंस, बही खाता और नवाचार के बारे में प्रशिक्षित किया गया। उन्होंने कहा कि यह योजना युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। 

देवभूमि उद्यमिता योजना के परियोजना अधिकारी सरवेंद्र रावत (ईडीपी) ने छात्र छात्राओं को उत्पाद की लेबलिंग, ब्रांडिंग और पैकेजिंग में मदद करने का आश्वासन दिया। वहीं, सहायक समन्वयक (डीडीपी) रश्मि ने कहा कि उनका उद्देश्य छात्र छात्राओं को बाजार तक पहुंच प्रदान करना है। 

महाविद्यालय के प्राध्यापक डा. ध्यानी ने श्रम की महत्ता पर बल देते हुए कहा कि परिश्रम से ही ज्ञान प्राप्त होता है। उन्होंने खेती को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर भी जोर दिया। डा. रावत ने कार्यक्रम के सफल आयोजन की बधाई दी और स्वरोजगार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर जोर दिया। प्राध्यापक डा. वीके सैनी ने कार्यक्रम की सफलता पर उपस्थितजनों को बधाई देते हुए धरोहरों को संभालने और संवारने की आवश्यकता पर बल दिया। वहीं, वरुण कुमार ने छात्र छात्राओं को बताया कि एक सफल उद्यमी बनने के लिए अध्ययन करना बहुत जरूरी है। मूल व्यावसायिक व्यवहारों का ज्ञान लेकर ही एक सफल उद्यमी बना जा सकता है।

महाविद्यालय की प्राचार्य डा. लवली रानी राजवंशी ने आयोजित कार्यक्रम की सफलता पर उपस्थितजनों को बधाई देते हुए कहा कि यह योजना युवाओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही है। उन्होंने कहा कि देवभूमि उद्यमिता योजना के तहत आयोजित इस कार्यक्रम ने छात्र छात्राओं को न सिर्फ उद्यमिता के गुर सिखाए जे बल्कि उन्हें स्वरोजगार के लिए प्रेरित भी किया है। इस कार्यक्रम के माध्यम से युवाओं को अपने सपनों को साकार करने का अवसर मिला तथा उन्हें आत्मनिर्भर बनने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाने में मदद मिली है। उन्होंने कहा कि महाविद्यालय हमेशा छात्र छात्राओं के उज्ज्वल भविष्य के लिए प्रयासरत रहेगा।

कार्यक्रम में उपस्थित रंजना असवाल, आरती व विमल रावत ने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि इस योजना के माध्यम से उन्हें व्यवसाय के नए आयामों को समझने और अपने उद्यम को बढ़ाने में मदद मिली है। होम स्टे व्यवसायी विमल रावत व उपस्थित अन्य उद्यमियों ने अपने अनुभव साझा कर छात्र छात्राओं को स्वरोजगार के लिए प्रेरित किया। 

महाविद्यालय में उद्यमिता प्रशिक्षण ले रहे छात्र छात्राओं ने इस योजना को प्रेरणादायक बताते हुए कहा कि उन्हें मार्केटिंग, फाइनेंस और सफल उद्यमियों के अनुभवों से बहुत कुछ सीखने को मिला है।  

इस अवसर पर महाविद्यालय की प्रभारी प्राचार्य डा. प्रीति रावत एवं महाविद्यालय के प्राध्यापक एवं कर्मचारीगण उपस्थित रहे।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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