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जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान की पहल, शिक्षा के जरिए सुरक्षा की ओर एक मजबूत कदम

पौड़ी। जनपद के जिलाधिकारी ने गुलदार व तेंदुए के बढ़ते हमलों को देखते हुए एक शानदार पहल की शुरूआत की है। उन्होंने एक विशेष पाठ्यक्रम तैयार करवाया है। जिसके तहत ग्रामीण परिवेश के बच्चों को स्कूल आते जाते वक्त ‘गुलदार से कैसे सावधानी बरतनी है’ इसका पाठ गुरुजनों द्वारा स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। इसके अलावा स्कूलों में जल्द ही साइबर अपराध, ड्रग्स व पॉक्सो कानून का पाठ भी पढ़ाया जायेगा।

शिक्षा को सुरक्षा का माध्यम बनाते हुए जिला शिक्षा एवं प्रशिक्षण संस्थान (डायट) व शिक्षा विभाग के सहयोग से जिलाधिकारी ने स्कूली बच्चों के लिए गुलदार एवं तेंदुए से बचाव पर आधारित एक अनूठा पाठ्यक्रम तैयार करवाया। इस पुस्तक में व्यवहारिक उपाय, सतर्कता के तरीके और वन्य जीवों से बचाव की जानकारियां सरल व आकर्षक ढंग से दी गयी हैं। प्रदेश के मुख्यमंत्री ने इस अभिनव प्रयास की सराहना करते हुए विगत वर्ष 2024 में वैकुण्ठ चतुर्दशी मेले के शुभारंभ पर इस पुस्तक का विमोचन किया था। अब यह पाठ्यक्रम जनपद के विद्यालयों में पढ़ाया जा रहा है। जिससे बच्चों में न केवल आत्मविश्वास बढ़ा है बल्कि अभिभावकों को मानसिक राहत भी मिली है।

जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान की यह पहल सिर्फ यहीं तक सीमित नहीं रही है। उन्होंने डायट व शिक्षा विभाग को नशे के बढ़ते खतरे, पॉक्सो कानून की जागरूकता और साइबर अपराधों से बचाव जैसे विषयों पर भी विशेष पाठ्यक्रम तैयार करने को कहा है। अब ड्रग्स से बचाव, पॉक्सो एक्ट की जानकारी और साइबर अपराधों से सुरक्षा जैसे विषयों पर आधारित पाठ्य सामग्री भी अंतिम चरण में है और जल्द ही स्कूलों में इनको भी पढ़ाया जाएगा। इन पुस्तकों में नशे से होने वाले नुकसान, कानूनी प्रावधान, साइबर ठगी से बचने के उपाय, डिजिटल गोपनीयता और सुरक्षा के व्यावहारिक अध्याय भी शामिल हैं। इससे बच्चे न केवल सुरक्षित रहेंगे, बल्कि समाज के जिम्मेदार नागरिक के रूप में भी विकसित होंगे।

जनपद के जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान बताते हैं कि गुलदार एवं तेंदुए के बढ़ते हमलों को देखते हुए यह आवश्यक था कि बच्चों को व्यवहारिक जानकारी भी दी जाए कि ऐसी स्थिति में कैसे सतर्क रहें और स्वयं की रक्षा करें। इसी सोच के तहत यह विशेष पाठ्यक्रम तैयार कराया गया है। जिसे अब स्कूलों में पढ़ाया जा रहा है। इसके साथ ही ड्रग्स, पॉक्सो कानून और साइबर अपराध जैसे विषयों पर भी बच्चों और युवाओं को जागरूक करना बेहद जरूरी है। इन विषयों पर भी पाठ्यक्रम तैयार करवाए हैं। यह पाठ्यक्रम भी जल्द ही स्कूलों में लागू किए जाएंगे। जिलाधिकारी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि शिक्षा के माध्यम से हर बच्चा न केवल अकादमिक रूप से मजबूत हो, बल्कि सामाजिक और डिजिटल खतरों से भी सजग और सुरक्षित रहे।

प्राचार्य डायट स्वराज सिंह तोमर ने बताया कि जिलाधिकारी की पहल पर डायट व शिक्षा विभाग ने बच्चों की सुरक्षा और जागरूकता को केंद्र में रखकर गुलदार एवं तेंदुए से बचाव पर आधारित पाठ्यक्रम तैयार किया है। इस पाठ्यक्रम में व्यवहारिक जानकारी दी गयी है ताकि बच्चे जंगल या जोखिम भरे क्षेत्रों में सतर्क रह सकें। इसके अलावा ड्रग्स, पॉक्सो और साइबर अपराध जैसे संवेदनशील विषयों पर भी पाठ्यक्रम तैयार कर लिया गया है। जिसे जल्द ही पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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