उत्तराखण्डपौड़ी

स्टेट मिलेट मिशन के अंतर्गत उत्कृष्ट कृषक हुए सम्मानित

थारू संस्कृति की झलक से सराबोर रहा श्रीनगर का सहकारिता मेला

श्रीनगर। अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में श्रीनगर आवास विकास मैदान में चौथे दिन स्टेट मिलेट मिशन योजना के तहत जनपद में पारंपरिक मोटे अनाजों के संरक्षण और उत्पादन को प्रोत्साहित करने के लिए उत्कृष्ट कार्य करने वाले कृषकों को सम्मानित किया गया। इस अवसर पर मंडुवा, झंगोरा, गहद, भट्ट तथा दाल की खेती में उल्लेखनीय योगदान देने वाले कृषकों को “उत्कृष्ट कृषक सम्मान” से नवाजा गया।

सम्मानित कृषकों में थलीसैंण विकासखंड से मातवर सिंह नेगी और हर्ष सिंह नेगी, कल्जीखाल विकासखंड से अनुज सिंह, कोट विकासखंड से राम सिंह, पाबौ विकासखंड से वीरेंद्र सिंह, राजपाल सिंह और गुड्डी देवी तथा खिर्सू विकासखंड से विनोद सिंह, मस्तान सिंह और जितेंद्र सिंह शामिल रहे।

थलीसैण के कृषक मातवर सिंह नेगी ने कहा कि स्टेट मिलेट मिशन योजना से कृषकों को नई दिशा मिली है। पहले मंडुवा और गहद जैसी पारंपरिक फसलों को लोग भूलने लगे थे। लेकिन अब सरकार की पहल से इनका बाजार फिर से विकसित हो रहा है। उन्होंने मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया और कहा कि उन्होंने छोटे कृषकों के हित में इतनी सशक्त योजना शुरू की है। इससे न केवल आमदनी बढ़ी है बल्कि हमें अपनी पारंपरिक खेती पर गर्व भी महसूस हो रहा है।

खिर्सू से आए कृषक विनोद सिंह ने कहा कि पहले मोटे अनाजों की खेती घाटे का सौदा समझी जाती थी। लेकिन अब सरकार द्वारा मिलेट्स की खरीद, प्रचार और प्रसंस्करण की व्यवस्था से कृषकों का रुझान तेजी से बढ़ा है। उन्होंने कहा मुख्यमंत्री की पहल से हम जैसे कृषक अब आत्मनिर्भर बन रहे हैं। स्टेट मिलेट मिशन ने गांवों की खेती में फिर से जान डाल दी है।

मेले में पशुपालन विभाग की ओर से 35 पशुपालकों को चारा बीज, मिल्क किट, कैल्शियम और मिनरल मिक्सचर भी वितरित किए गए। इसके साथ ही विभिन्न विद्यालयों के छात्र -छात्राओं द्वारा आयोजित पेंटिंग प्रतियोगिता में उत्साहपूर्वक भाग लिया गया। प्रतियोगिता में उत्कृष्ट प्रदर्शन करने वाले छात्र -छात्राओं को भी सम्मानित किया गया।

अंतरराष्ट्रीय सहकारिता वर्ष के उपलक्ष्य में श्रीनगर में बीते सायं को आयोजित जनपद स्तरीय सहकारिता मेले में थारू जनजातीय कलाकारों की प्रस्तुतियों ने दर्शकों का दिल जीत लिया। खटीमा से आए बंटी राणा और रिंकू राणा के नेतृत्व में कलाकारों द्वारा पारंपरिक झींझी नृत्य, थारू होली और लोकगीतों की शानदार प्रस्तुति दी गई। ढोल -मांदर की थाप पर पूरा मैदान थारू संस्कृति के रंग में डूब गया।

इस अवसर पर मुख्य पशु चिकित्साधिकारी डा. विशाल शर्मा, कार्यक्रम संयोजक मंडल के सदस्य महावीर कुकरेती, मातवर सिंह रावत, संपत सिंह रावत, नरेंद्र सिंह रावत, मनोज पटवाल, सचिव/महाप्रबंधक संजय रावत सहित अन्य उपस्थित थे।

Ad Ad Ad

चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
Back to top button