उत्तराखण्डधर्म/संस्कृति

मेले हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं: महेंद्र राणां

◆ सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रशासक राणां दंपति किया शुभारम्भ

कोटद्वार(चन्द्रपाल सिंह चन्द)। द्वारीखाल ब्लाक के अंतर्गत डाडामंडी गेंद मेला स्थल पर स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियाँ दी गयी। इस सांस्कृतिक कार्यक्रम का शुभारंभ प्रशासक द्वारीखाल महेंद्र सिंह राणां व प्रशासक कल्जीखाल बीना राणां द्वारा संयुक्त रूप से किया गया। सोमवार को मेला स्थल डाडामण्डी पहुंचने पर गेंद मेला समिति के सदस्यों एवं जन प्रतिनिधियों द्वारा महेन्द्र सिह राणां प्रशासक द्वारीखाल एवं बीना राणां प्रशासक कल्जीखाल का माल्यार्पण व पुष्पगुच्छ देकर स्वागत किया गया।

आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए मुख्य अतिथि महेन्द्र सिह राणा ने सर्वप्रथम स्व. छवाण सिह तिवाडी जी को श्रद्वांजली अर्पित करते हुए कहा कि उनके परिजनों के प्रयासों से 149 वर्ष पूर्व का यह ऐतिहासिक गेंद मेला आज भी जीवित है तथा हमें इन मेलों को हमें जिंदा रखने के लिए मिलजुल कर प्रयास करने होंगे। उन्होंने कहा कि कुछ वर्षों पूर्व यह राजकीय मेला भी घोषित भी हो चुका है।

प्रशासक राणां ने गेंद मेला समिति को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके द्वारा आज गेंद मेले का भव्य रूप से आयोजन किया जा रहा है। राणां में कहा कि मेले हमारी संस्कृति की अमूल्य धरोहर हैं। इस गेंद मेले को देखने के लिए आसपास के क्षेत्रों से ग्रामीण व दूर दराज के मैदानी क्षेत्रों से भी लोग यहां पहुँचते हैं तथा इन मेलों से आपसी भाईचारा बढता है। उन्होंने कार्यक्रम स्थल पर उपस्थितजनों को मकर संक्रान्ति की शुभकामनाए देते हुए कहा कि हमें अपनी लोक संस्कृति को जिंदा रखने के लिए अपने वार त्योहारों को हमेशा मनाना चाहिये तथा अपने बच्चों को भी अवश्य बताना चाहिए। जिससे हमारी पीढ़ी को अपनी लोक संस्कृति व त्योहारों के बारे में पता चल सके।

इस दौरान विभिन्न विद्यालयों के स्कूली बच्चों द्वारा रंगारंग सांस्कृतिक प्रस्तुतियां दी गयी। जिन्हें मुख्य अतिथिगणों व उपस्थितजनों द्वारा काफी सराहा गया।

इस अवसर पर गेंद मेला समिति के संयोजक सतीश देवरानी, अध्यक्ष ओम प्रकाश तिवाडी, सचिव किशन लाल, कोषाध्यक्ष हरेन्द्र सिह रावत, सहसचिव मुकेश बडथ्वाल, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों, विकास खण्ड के अधिकारी व कर्मचारियों समेत भारी संख्या में ग्रामीण उपस्थित रहें।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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