उत्तराखण्डपौड़ी

वन विभाग नियमित गश्त व स्थानीय लोगों को सतर्क करने के लिए जागरुकता अभियान चलायें : जिलाधिकारी

मानव -वन्यजीव संघर्ष को कम करने हेतु जिलाधिकारी की अध्यक्षता में बैठक हुई सम्पन्न

पौड़ी। मानव -वन्यजीव संघर्ष के न्यूनीकरण को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में तहसील व विकासखण्ड स्तर पर किये जा रहे कार्यों की समीक्षा हेतु बैठक आयोजित की गई। बैठक में मुख्य रूप से तेंदुए की बसावटों के आसपास बढ़ती उपस्थिति एवं इससे उत्पन्न खतरों के निराकरण पर विचार विमर्श किया गया।

शुक्रवार को विकास भवन सभागार में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी डा. आशीष चौहान ने स्पष्ट निर्देश दिए कि किसी भी क्षेत्र में तेंदुए की उपस्थिति की सूचना मिलने पर वन विभाग तत्परता से कार्यवाही सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि वन विभाग के कार्मिक नियमित गश्त करने और स्थानीय जनता को सतर्क करने के लिए जागरुकता अभियान भी चलायें।

जिलाधिकारी डा. चौहान ने अधिकारियों को निर्देशित किया कि केवल मुनादी और गश्त से ही समाधान नहीं होगा बल्कि आम जनमानस को मानव -वन्यजीव संघर्ष की स्थिति में अपनाए जाने वाले सुरक्षा उपायों की जानकारी दी जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि संवेदनशील क्षेत्रों में वन विभाग एवं तहसील प्रशासन की उपस्थिति को सुनिश्चित किया जाए।

बैठक के दौरान उपजिलाधिकारी श्रीनगर ने बताया कि हाल के दिनों में श्रीनगर, देवलगढ़ और ग्वाड़गड़ी क्षेत्रों में तेंदुए की उपस्थिति की सूचनाएं प्राप्त हुई हैं। जिन्हें वन विभाग को तत्काल प्रेषित किया गया। इस पर जिलाधिकारी ने संबंधित क्षेत्रीय अधिकारियों को सतर्क रहने तथा स्थानीय लोगों से समन्वय स्थापित कर त्वरित प्रतिक्रिया की रणनीति अपनाने के निर्देश दिए।

जिलाधिकारी डा. चौहान ने अधिकारियों को यह भी निर्देशित किया कि सभी विकासखण्डों में ऐसे संवेदनशील स्थानों की पहचान की जाए जहां मानव -वन्यजीव संघर्ष की आशंका अधिक है और वहाँ विशेष निगरानी रखी जाए।

जिलाधिकारी डा. चौहान ने यह भी कहा कि वन विभाग, जिला प्रशासन और स्थानीय निकायों, विकासखण्डों के बीच बेहतर तालमेल बनाकर ही मानव जीवन और वन्यजीवों की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सकती है।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी गिरीश गुणवंत, परियोजना निदेशक डीआरडीए विवेक कुमार उपाध्याय, जिला विकास अधिकारी मनविन्दर कौर, समस्त खंड विकास अधिकार एवं विभिन्न उपजिलाधिकारी वर्चुअली उपस्थित रहे।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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