वनाग्नि की घटनाओं को रोकने के लिए वनकर्मी अलर्ट : प्रभागीय वनाधिकारी
वनाग्नि की रोकथाम के लिए लोगों को किया जा रहा जागरूक

उत्तरकाशी(ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह)। जनपद में फायर सीजन को लेकर वन विभाग पूरी तरह सतर्क हो गया है। वनाग्नि की घटनाओं को रोकने और उन पर प्रभावी नियंत्रण के लिए ग्राम पंचायतों से लेकर आम जनता तक को जागरूक किया जा रहा है। वनों में आग लगाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

आयोजित पत्रकार वार्ता में प्रभागीय वनाधिकारी उत्तरकाशी डीपी बलोनी ने बताया कि उत्तरकाशी क्षेत्र का 80 प्रतिशत हिस्सा खड़ी पहाड़ियों से भरा हुआ है। ऐसे में किसी ऊंचाई वाले इलाके लगी आग पर काबू पाना बेहद कठिन हो जाता है। इसलिए आग को फैलने से रोकना सबसे जरूरी है। इसके लिए वन विभाग के लगभग 600 कर्मचारी 24 घंटे अलर्ट मोड़ पर हैं। उन्होंने कहा कि जंगलों में फेंकी गई जलती हुई बीड़ी, सिगरेट या बिना बुझी आग से दावानल की स्थिति उत्पन्न हो जाती है। इसके अतिरिक्त, कई बार स्थानीय लोग घास उगाने या जंगली जानवरों को भगाने के उद्देश्य से जान बूझकर आग लगा देते हैं। यही आग बाद में विकराल रूप ले लेती है। ऐसे मामलों को रोकने के लिए वन विभाग ने सख्त निगरानी रखने का निर्णय लिया है। ऐसे दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। जिन क्षेत्रों में आग लगने की घटनाएं अधिक होती हैं। उन संवेदनशील क्षेत्रों में विशेष निगरानी रखी जाएगी। इनमें उत्तरकाशी वन प्रभाग, भूमि संरक्षण वन प्रभाग और गंगोत्री नेशनल पार्क के विभिन्न हिस्से शामिल हैं। उन्होंने बताया कि फायर सीजन के दौरान समस्त वनकर्मियों और गश्ती दलों को हाई अलर्ट पर रखा जाएगा ताकि किसी भी आपात स्थिति में तुरंत कार्यवाही की जा सके।
वन विभाग के उपस्थित अधिकारियों ने बताया कि वन विभाग आधुनिक तकनीकों का उपयोग कर रहा हैं। जिसमें सेटेलाइट इमेजिंग और रीयल टाइम मॉनिटरिंग सिस्टम एवं मोबाइल ऐप शामिल है। जिससे वनों में किसी भी प्रकार की संदिग्ध गतिविधि पर नजर रखी जा सके। उन्होंने कहा कि जंगल में आग लगने की सूचना तुरंत 112 या वन विभाग के हेल्पलाइन नंबर पर सूचना दें तथा आग लगने की घटनाओं को सोशल मीडिया के माध्यम से भी वन विभाग तक पहुंचाया जा सकता है। वन विभाग का यह प्रयास है कि इस बार के फायर सीजन में जंगलों में आग की घटनाओं को न्यूनतम कर पर्यावरण की सुरक्षा सुनिश्चित की जाए। इसके लिए सभी लोग मिलकर सतर्कता बरतें तथा वनों को आग से बचाने में वन विभाग का सहयोग करें।
इस दौरान उत्तरकाशी वन प्रभाग के डीएफओ डीपी बलोनी, भूमि संरक्षण वन प्रभाग उत्तरकाशी की डीएफओ गंगा बुढाकोटी, टिहरी बांध द्वितीय वन प्रभाग की डीएफओ साक्षी रावत तथा गंगोत्री नेशनल पार्क के उपनिदेशक हरीश नेगी सहित अन्य अधिकारी मौजूद रहे।











