अक्षय तृतीया पर गंगोत्री व यमुनोत्री धाम के खुले कपाट, चारधाम यात्रा का हुआ आगाज
मुख्यमंत्री धामी ने की पूजा अर्चना, श्रद्धालुओं की उमड़ी भीड़

गंगोत्री/उत्तरकाशी (ठाकुर सुरेंद्र पाल सिंह)। अक्षय तृतीया के पावन अवसर पर प्रसिद्ध गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट आज विधिवत वैदिक मंत्रोच्चार और धार्मिक रीति-रिवाजों के साथ श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इसी के साथ चारधाम यात्रा का औपचारिक शुभारंभ हो गया। दोनों धामों में देश विदेश से आए हजारों श्रद्धालुगण हर्षोल्लास के साथ इस पावन क्षण के साक्षी बने।

मंगलवार को मां गंगा की उत्सव डोली अपने शीतकालीन प्रवास मुखवा गांव से भव्य शोभायात्रा के रूप में रवाना हुई थी। रात्रि विश्राम भैरो घाटी में करने के बाद डोली बुधवार प्रातः गंगोत्री धाम पहुंची। जहां सुबह साढे दस बजे विधिवत पूजा अर्चना, वैदिक मंत्रोच्चार व हर्षोल्लास के बीच कपाट श्रद्धालुओं के लिए खोल दिए गए। इस ऐतिहासिक क्षण पर संपूर्ण धाम क्षेत्र भक्ति रस में सराबोर हो उठा।

वहीं, मां यमुना की डोली भी आज प्रातः अपने शीतकालीन प्रवास खरसाली (खुशीमठ) से शनिदेव की अगुवाई में यमुनोत्री धाम के लिए रवाना हुयी। वैदिक विधि विधान के साथ पूर्वाह्न 11:55 बजे यमुनोत्री धाम के कपाट भी श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोल दिए गए। इस अवसर पर तीर्थस्थल पर गूंजते मंत्रोच्चार और शंखध्वनि से समूचा वातावरण भक्तिमय हो गया।

कपाट खुलने के इस पावन अवसर पर मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी स्वयं गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में उपस्थित रहे। उन्होंने मां गंगा और मां यमुना की विधिवत पूजा अर्चना कर अखंड ज्योति के दर्शन किए और प्रदेशवासियों के सुख समृद्धि की कामना की। मुख्यमंत्री धामी द्वारा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नाम से पहली पूजा संपन्न की गयी। इस दौरान देश विदेश से आए हजारों श्रद्धालुओं ने भी मां गंगा और मां यमुना के दर्शन कर पुण्य अर्जित किया। श्रद्धालुओं ने गंगा स्नान कर आत्मिक शुद्धि प्राप्त की तथा अखंड ज्योति के दर्शन कर अपने जीवन को धन्य माना।

उधर, कपाट खुलने के साथ ही गंगोत्री और यमुनोत्री धामों पर हैलीकॉप्टर से पुष्पवर्षा की गई। जिससे आकाश से गिरते पुष्पों के बीच भक्तों की श्रद्धा और उत्साह चरम पर पहुंच गया। चारों ओर भक्ति, उल्लास और आस्था का अद्भुत संगम देखने को मिला।

वहीं, मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने प्रदेशवासियों को अक्षय तृतीया पर्व एवं दोनों धामों के कपाट खुलने की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि चारधाम यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि यह उत्तराखंडवासियों के लिए एक महाउत्सव के समान है। इसी यात्रा के संचालन से राज्य के लाखों लोगों की आजीविका जुड़ी हुई है।
उन्होंने बताया कि यात्रा को सुगम, सुरक्षित और सरल बनाने के लिए राज्य सरकार द्वारा सभी आवश्यक तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। श्रद्धालुओं को किसी प्रकार की असुविधा न हो, इसके लिए यातायात, सुरक्षा, पेयजल, चिकित्सा, परिवहन और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं से जुड़े सभी विभाग पूरी तत्परता से कार्यरत हैं। यात्रा मार्गों पर पुलिस, एसडीआरएफ, चिकित्सा दल, होमगार्ड व सफाई कर्मी आदि की समुचित व्यवस्था की गई है, जो हर स्थिति से निपटने के लिए पूरी तरह मुस्तैद हैं।

मुख्यमंत्री ने विश्वास जताया कि इस वर्ष की चारधाम यात्रा भी पूर्व वर्षों की भांति सफल और भव्य होगी। उन्होंने श्रद्धालुओं से अपील की कि वह यात्रा के दौरान प्रशासन द्वारा जारी दिशा निर्देशों का पालन कर स्वच्छता और अनुशासन बनाए रखें तथा उत्तराखंड की दिव्यता और भव्यता का सम्मान करें।

गंगोत्री धाम में इस अवसर पर जिलाधिकारी उत्तरकाशी मेहरबान सिंह बिष्ट, पुलिस अधीक्षक सरिता डोबाल, एसडीएम भटवाड़ी शालिनी नेगी, पुलिस उपाधीक्षक जनक सिंह पंवार, विवेक कुटियाल, निरीक्षक गोविन्द सिंह, थानाध्यक्ष हर्षिल दीपक रावत, चौकी प्रभारी गंगोत्री प्रमोद उनियाल, मंदिर समिति गंगोत्री के पदाधिकारी, तीर्थ पुरोहित एवं बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

वहीं यमुनोत्री धाम में उपजिलाधिकारी बड़कोट बृजेश कुमार तिवारी, पुलिस उपाधीक्षक बड़कोट देवेंद्र सिंह नेगी, सुशील रावत, एसओ बड़कोट दीपक कठैत, चौकी प्रभारी यमुनोत्री अजय रावत, मंदिर समिति यमुनोत्री के पदाधिकारी और हजारों श्रद्धालु उपस्थित रहे।











