उत्तराखण्डधर्म/संस्कृतिपौड़ी

पवित्र देवभूमि योग और अध्यात्म के लिए एक दिव्य केंद्र है : राज्यपाल

परमार्थ निकेतन ऋषिकेश में योग महोत्सव का हुआ समापन

पौड़ी। राज्यपाल लेफ्टिनेंट जनरल गुरमीत सिंह (सेनि) ने परमार्थ निकेतन ऋषिकेश के ‘अंतर्राष्ट्रीय योग महोत्सव -2025’ के समापन समारोह में प्रतिभाग किया। इस दौरान राज्यपाल द्वारा पतित पावनी मां गंगा आरती की पूजा अर्चना कर प्रदेशवासियों के सुख, शांति और समृद्धि के लिए कामना की गयी। इस योग महोत्सव में 75 देशों के 1500 से अधिक योग साधकों ने प्रतिभाग लिया

परमार्थ निकेतन में आयोजित इस योग महोत्सव के समापन समारोह में उपस्थित राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि ऋषिकेश के पवित्र गंगा तट पर योग साधकों का यह अद्भुत समागम न केवल भारत और उत्तराखण्ड की प्राचीन परंपरा का प्रमाण है, बल्कि योग के वैश्विक प्रभाव को भी दर्शाता है। राज्यपाल ने उपस्थित साधकों को संबोधित करते हुए कहा कि आप सभी योग के ब्रांड एम्बेसडर हैं। आप योग का ज्ञान प्राप्त कर उसे अपने जीवन में अपनाकर विश्वभर में इसका प्रसार कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि योग का मार्ग हमें शांति और एकता के भाव से भर देता है। जिससे हम न केवल स्वयं को बल्कि पूरे जगत को परिवार के रूप में मानते हैं।

राज्यपाल ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में योग के वैश्विक विस्तार की सराहना करते हुए कहा कि संयुक्त राष्ट्र द्वारा 21 जून को अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के रूप में घोषित किया जाना योग की महत्ता को प्रमाणित करता है।

राज्यपाल गुरमीत सिंह ने कहा कि भारत की ’वसुधैव कुटुम्बकम’ की महान भावना ’एक पृथ्वी, एक परिवार, एक भविष्य’ में योग एक महान साधन बन रहा है।

राज्यपाल ने महोत्सव में भाग लेने वाले सभी योग साधकों, गुरुओं और आयोजकों को बधाई देते हुए कहा कि उत्तराखण्ड की पवित्र भूमि जिसे ‘देवभूमि’ कहा जाता है। योग और अध्यात्म के लिए एक दिव्य केंद्र है। इस अवसर पर उन्होंने सभी से योग को अपने दैनिक जीवन का अभिन्न अंग बनाने और इसके माध्यम से संपूर्ण मानवता के कल्याण के लिए कार्य करने का आह्वान किया। इस अवसर पर प्रसिद्ध गायक कैलाश खैर ने अपनी संगीतमय प्रस्तुति देकर शिव भक्ति गीतों से उपस्थित साधकों को मंत्रमुग्ध कर दिया।

आयोजित कार्यक्रम में कैबिनेट मंत्री डा. धन सिंह रावत, परमाध्यक्ष परमार्थ निकेतन स्वामी चिदानंद मुनि, साध्वी भगवती सरस्वती, हंस फाउंडेशन की प्रमुख माता मंगला, भोले महाराज, सहित विभिन्न देशों के योग साधकों ने प्रतिभाग किया।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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