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पत्रकार राजीव प्रताप की मौत की उच्चस्तरीय एसआईटी जांच हो: एनयूजे उत्तराखण्ड

वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने मुख्यमंत्री को पत्र भेजकर पत्रकार की हत्या की आशंका जताई

हरिद्वार। नेशनलिस्ट यूनियन ऑफ जर्नलिस्ट्स (एनयूजे उत्तराखण्ड) ने बीते 18 सितंबर को गंगोत्री क्षेत्र से लापता उत्तरकाशी के पत्रकार राजीव प्रताप की मौत की गुत्थी सुलझाने के लिए उच्चस्तरीय एसआईटी जांच कराने की मांग की है। यूनियन के मार्गदर्शक एवं संरक्षक वरिष्ठ पत्रकार त्रिलोक चन्द्र भट्ट ने प्रदेश के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी को भेजे पत्र में कहा कि लापता पत्रकार का शव दस दिन बाद जिस हालत में जोशियाड़ा बैराज की झील से बरामद किया गया है। उससे उनकी हत्या किये जाने की प्रबल आशंका है।

वरिष्ठ पत्रकार भट्ट ने मुख्यमंत्री को भेजे पत्र में कहा कि राजीव प्रताप पेंट, कमीज, जूते और मोजे पहनते थे। लेकिन जब जोशीयाड़ा झील से उनकी लाश बरामद हुयी। उस समय उनके बदन पर अंडरवियर के अलावा कोई अन्य कपड़ा नहीं था। ऐसे में उनकी हत्या कर शव को गंगा में फेंके जाने का संदेह प्रतीत हो रहा है। भट्ट ने कहा कि यह आश्चर्य की बात है कि मृतक का शव गंगा की तीव्र धारा में करीब आठ किलोमीटर बहकर जोशीयाड़ा बैराज में पहुंचा है। उसके हाथ, पैर, आंख, नाक, कांन और शरीर पर कहीं पर भी चोट, खरोंच व छिलने तक के निशान तक नहीं हैं। मेडिकल सूत्र भी बताते हैं कि मृतक की मौत का कारण छाती में अंदरूनी चोट और पानी में डूबना रहा है। पत्रकार भट्ट ने राजीव प्रताप की मौत के पीछे किसी गहरी साजिश की आशंका जतायी है। उन्होंने मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी से पत्रकार राजीव प्रताप की मौत के कारणों की उच्चस्तरीय एसआईटी जांच की मांग की है।

गौरतलब है कि उत्तरकाशी के डिजीटल मीडिया पत्रकार राजीव प्रताप विगत 18 सितंबर को अपने दोस्त से कार मांगकर गंगोत्री की तरफ गए थे। कार अगले दिन भागीरथी नदी में स्यूंणा गांव के पास लावारिस हालत में मिली थी। पहले इस मामले को गुमशुदगी के रूप में देखा जा रहा था। जिसे बाद में यह मामला अपहरण की धाराओं में तब्दील किया गया। एनडीआरएफ, एसडीआरएफ की टीम ने घटनास्थल के आसपास से लेकर कई जगह नदी में सर्च अभियान चलाया था। कोतवाली उत्तरकाशी व मनेरी पुलिस द्वारा भी लापता पत्रकार की काफी तलाश की गई। लेकिन उसका कहीं कुछ पता नहीं चल पाया था। रविवार 28 सितंबर को आपदा प्रबंधन विभाग को झील में एक शव दिखाई देने की सूचना मिली थी। जिसके बाद एनडीआरएफ और पुलिस ने संयुक्त अभियान चलाकर शव बरामद किया था। शव की शिनाख्त लापता पत्रकार राजीव प्रताप के रूप में हुई थी।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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