उत्तराखण्डपौड़ी

मवेशियों को अज्ञात जानवर बना रहा शिकार, ग्रामीणों में दहशत

पौड़ी(जगमोहन डांगी)। जनपद की पट्टी मनियारस्यूं के विभिन्न गांवों में इन दिनों अज्ञात जानवर का आतंक बना हुआ है। यह जानवर गांवों में पशुओं पर हमला कर उन्हें अपना शिकार बना रहा है। एक माह में एक दर्जन से अधिक दुधारू गायों को अपना निवाला बना चुका है। इस अज्ञात जानवर के आतंक से क्षेत्रीय ग्रामीण दहशत में है।

बीती रात्री लगभग दस बजे क्षेत्र के ग्राम थापला में यह अज्ञात जानवर पूर्व प्रधान रोशन की गौशाला में छत तोड़कर घुसा। गौशाला में आहट होने पर उन्होंने शोर मचाया तो अज्ञात जानवर भागकर नजदीकी ग्राम अमटोला में निराश्रित विधवा सुरेशी देवी की गाय को खूंटे से खोलकर दो तीन खेतों में ले गया और गाय को बुरी तरह घायल कर दिया। ग्रामीणों द्वारा शोर शराबा करने पर वह गाय को घायलावस्था में छोड़कर भाग गया। पशुपालक सुरेशी देवी के मुताबिक उन्हों रात्री बारह बजे करीब उनकी गाय को कोई आदमीनुमा जानवर पकड़कर ले जा रहा था।

लगभग दो सप्ताह पूर्व भी इसी गांव की विधवा महिला उषा देवी की गाय को अज्ञात जानवर गौशाला में घुसकर खूंटे से खोलकर ले गया था। ग्राम थनुल निवासी बलदेव की दुधारू गाय तथा उनके भाई बुद्धि सिंह का बैल को अज्ञात जानवर द्वारा अपना निवाला बनाया गया।
वहीं, मनियारस्यूं पट्टी के ग्राम बड़कोट निवासी पशुपालक ममता देवी की जर्सी गाय को भी अज्ञात जानवर ने अपना निवाला बना दिया था। ममता देवी के मुताबिक वह गाय उनकी आजीविका का एक मात्र जरिया थी। जिसकी कीमत लगभग बीस हजार थी। उधर, नजदीक ग्राम शिमला में भी अज्ञात जानवर द्वारा ग्रामीण के पशु को मारने की बात कही जा रही है। ग्रामीणों के मुताबिक वन विभाग ने ग्राम बड़कोट में सीसीटीवी कैमरे लगाए थे। लेकिन फिर भी विभाग इस अज्ञात जानवर का पता लगाने में नाकाम साबित हो रहा है।

क्षेत्र के समाजिक कार्यकर्ता एवं पूर्व विधायक प्रत्याक्षी सज्जन सिंह नेगी ने बताया कि अज्ञात जानवर प्रतिदिन क्षेत्र में ग्रामीणों की गौशालाओं को तोड़कर दुधारू पशुओं पर हमला कर रहा है। जिससे क्षेत्र के पशुपालक दहशत में है। यदि वन विभाग शीघ्र अज्ञात जानवर के हमलों से निजात नहीं दिलाता तो थनघढ घाटी विकास समिति जिलाधिकारी से मुलाकात करेगी।

वही, नागदेव रेंज अधिकारी दिनेश चंद्र नौटियाल ने बताया अज्ञात जानवर भालू है। उन्होंने कहा की एसडीओ के साथ क्षेत्र में ग्रामीणों से मुलाकात कर पशुधन में हुई क्षतिपूर्ति के लिए उचित कार्यवाही करेंगे।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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