उत्तराखण्डपौड़ी

राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में उत्साहपूर्वक मनाया गया अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस

"योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ" की थीम के साथ योगाभ्यास कार्यक्रम हुआ सम्पन्न

जयहरीखाल/ कोटद्वार। भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जयहरीखाल में “योगा फॉर वन अर्थ, वन हेल्थ” (एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य) के अंतर्गत विशेष योग शिविर का आयोजन किया गया। जिसमें एनसीसी कैडेट्स, एनएसएस स्वयंसेवकों, रोवर्स -रेंजर्स, एंटी ड्रग सेल सहित समस्त छात्र -छात्राओं, प्राध्यापकों एवं शिक्षणेत्तर कर्मचारियों ने उत्साहपूर्वक प्रतिभाग किया।

शनिवार को महाविद्यालय परिसर में आयोजित योग कार्यक्रम में एएनओ. लेफ्टिनेंट डा. देवेन्द्र सिंह चौहान द्वारा योगासनों का विशेष प्रशिक्षण दिया गया। उन्होंने छात्रों को सूर्य नमस्कार, ताड़ासन, भुजंगासन, प्राणायाम आदि का सही तरीका समझाते हुए योग के माध्यम से शारीरिक एवं मानसिक संतुलन बनाए रखने के गुर सिखाए।

इसके अलावा, महाविद्यालय के खेल प्रशिक्षक एवं प्राध्यापक विमल रावत द्वारा उपस्थित सभी प्रतिभागियों को योगाभ्यास करवाकर योग के दैनिक जीवन में लाभों पर प्रकाश डाला गया। उन्होंने विशेष रूप से युवाओं को तनावमुक्त रहने तथा नियमित योग अपनाने की सलाह दी।

महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर डा. लवली रानी राजवंशी ने अपने संबोधन में कहा कि “योग भारत की प्राचीन संस्कृति की अमूल्य देन है, जो न केवल शारीरिक बल्कि मानसिक एवं आध्यात्मिक स्वास्थ्य को भी सुदृढ़ करता है। आज पूरा विश्व योग की शक्ति को स्वीकार कर चुका है और हमें गर्व है कि भारत ने इसे वैश्विक पहचान दिलाई है।”

कार्यक्रम में सभी प्रतिभागियों ने सामूहिक रूप से विभिन्न योगासनों का अभ्यास किया तथा “एक पृथ्वी, एक स्वास्थ्य” के संदेश को सार्थक बनाया। इस दौरान एनसीसी कैडेट्स द्वारा प्रस्तुत की गई योग मुद्राओं को सभी के द्वारा सराहा गया।

इस आयोजन के माध्यम से महाविद्यालय ने योग के प्रति जागरूकता फैलाने तथा स्वस्थ जीवनशैली को बढ़ावा देने का सराहनीय प्रयास किया। कार्यक्रम के समापन पर प्राचार्य प्रोफेसर डा. राजवंशी द्वारा धन्यवाद ज्ञापित किया गया। जिसमें सभी प्रतिभागियों एवं आयोजकों के प्रयासों की सराहना की गई।

कार्यक्रम के अन्त में एंटी ड्रग सेल के नोडल डा. वीके सैनी द्वारा नशा मुक्त भारत अभियान के तहत नशा मुक्ति की शपथ दिलाई गई। इस अवसर पर महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापक तथा शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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