क्रांति धरा मेरठ से कोटद्वार तक चले रैपिड रेल सेवा, दिल्ली तक होगा सुगम रेल का सफर
धर्म, संस्कृति व पर्यटन को मिलेगा बढ़ावा

नजीबाबाद (मुकेश सिन्हा, वरिष्ठ पत्रकार)। जनपद बिजनौर व पौड़ी सांसद यदि समर्पित प्रयास करें और रेल मंत्रालय आमजन की रेल सुविधा के प्रति गंभीर हो तो पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड राज्य के पर्यटन स्थल लैंसडाउन व कण्व ऋषि की नगरी कोटद्वार को बिजनौर होकर क्रांति धरा मेरठ को रैपिड रेल सेवा से जोड़ा जा सकता है। यदि ऐसा होता है तो सुंदर पहाड़ियों की वादियों का सौंदर्य, पौराणिक व ऐतिहासिक धर्म स्थल व क्रांति धरा का राष्ट्रीय गौरव एक ही रेल ट्रैक पर आ सकता है। इससे जहां रेलवे की आय बढ़ेगी वहां पर्यटकों, घुम्मकड़ों के साथ व्यापारी व आम जनता का यातायात सुगम होगा।
पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड राज्य के कण्व ऋषि नगरी कोटद्वार से क्रांति धरा व खेल नगरी मेरठ की दूरी वाया नजीबाबाद, बिजनौर, हस्तिनापुर व मेरठ होकर 145 किमी के लगभग है। उत्तर प्रदेश के मेरठ से उत्तराखंड राज्य के पौड़ी गढ़वाल तक फोन लेन का स्वीकृत निर्माण अंतिम चरण में है। मेरठ -पौड़ी तक के फोर लेन मार्ग के साथ साथ रेलवे अपनी रैपिड रेल सेवा का मार्ग विकसित कर उत्तराखंड राज्य के कोटद्वार नगर से नजीबाबाद, बिजनौर, हस्तिनापुर होकर मेरठ को जोड़ दे तो उत्तराखंड का पर्यटन स्थल लैंसडाउन, ताड़केश्वर मंदिर, सिद्धबली मंदिर, कण्व ऋषि आश्रम, धर्म संस्कृति को नबाब नजीबुद्दौला द्वारा बसाए, राजा मोरध्वज की नगरी, राजा दुष्यंत व शकुंतला का प्रणय स्थली नजीबाबाद शिया समुदाय की विश्व प्रसिद्ध दरगाह जोगीरमपुरी, महाभारतकालीन नगरी बिजनौर विदुर कुटी (महात्मा विदुर), सैन्धवार (महाभारत की सेना का मुख्यालय) महाभारतकालीन राजधानी व जैन धर्म तीर्थ हस्तिनापुर सहित देश को आजादी दिलाने वाली क्रांति धरा व खेल नगरी मेरठ को सीधे जोड़कर देश की राजधानी दिल्ली के रैपिड ट्रेन का सफर सुगम, सस्ता व कम दूरी का हो जाएगा।
दिल्ली से मेरठ तक का रैपिड रेल सेवा का संचालन हो रहा है यदि कोटद्वार से मेरठ तक रैपिड रेल सेवा का संचालन होता है तो एक नहीं तीन राज्य उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व दिल्ली एक नये रैपिड रेल मार्ग से जुड जाएंगे। मेरठ -पौड़ी फोर लेन मार्ग के समानांतर रैपिड रेल मार्ग विकसित करने से रेल को रेल मार्ग के लिए कीमती जमीन का अधिग्रहण भी नहीं करना होगा जिससे रेलवे को केवल रेलवे ट्रैक बिछाने व रेल व्यवस्था के लिए बजट उपलब्ध कराना होगा। इससे अलावा उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश व दिल्ली राज्य में भाजपा की सरकारें हैं। इसके अलावा केन्द्र में भी भाजपा की सरकार है इसलिए रेल मंत्रालय को तीनों राज्यों की सरकार से बेहतर तालमेल का सीधा लाभ महत्वाकांक्षी रैपिड रेल परियोजना को मिल ही सकता है।
पौड़ी गढ़वाल से सांसद अनिल बलूनी (भाजपा) नगीना से सांसद चन्द्रशेखर आजाद (असपा ), बिजनौर से सांसद चंदन चौहान (रालोद भाजपा) तथा मेरठ से सांसद अरुण गोविल (भाजपा) है। केन्द्र की सत्तारूढ़ पार्टी के तीन सांसदों की तिगड़ी यदि केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वेश्नव से भेंट कर कोटद्वार -मेरठ रैपिड रेल परियोजना का प्रस्ताव रखें और समर्पित पैरवी करें तो वह दिन दूर नहीं जब कण्व ऋषि नगरी कोटद्वार से क्रांति धरा मेरठ तक रैपिड रेल सेवा का संचालन होगा।
नजीबाबाद के वरिष्ठ पत्रकार व सामाजिक चिंतक मुकेश सिन्हा व आरटीआई कार्यकर्ता मनोज शर्मा ने एक संयुक्त पत्र मेरठ -कोटद्वार रैपिड रेल परियोजना से जुड़ी चारों लोकसभा के सांसद अनिल बलूनी, चन्द्रशेखर आजाद, चंदन चौहान व अरूण गोविल सहित केन्द्रीय रेल मंत्री अश्विनी वेश्नव को पत्र लिखकर मेरठ -पौड़ी रैपिड रेल परियोजना पर विचार कर डीपीआर बनवाने के साथ बजट की उपलब्धता सुनिश्चित कराने की मांग की है। इस मांग पत्र की एक प्रति उत्तर प्रदेश व उत्तराखंड के मुख्यमंत्री के साथ देश प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को भी प्रेषित की गयी है। अब देखना है विकासवादी भाजपा सरकार के प्रतिनिधि सांसद इस मेरठ -कोटद्वार रैपिड ट्रेन परियोजना के लिए कितना प्रयास करते हैं।
दो दशक पुरानी है कोटद्वार से प्रातः दिल्ली रेल संचालन की मांग
बिजनौर। पर्यटन प्रदेश उत्तराखंड की देवभूमि कोटद्वार से दिल्ली के लिए प्रातः रेल संचालन की मांग दो दशक पुरानी है। पूर्व केंद्रीय रेल मंत्री रहे सतपाल महाराज के कार्यकाल में भी कोटद्वार से दिल्ली व जरूरत पड़ने पर जयपुर तक रेल सेवा चलाने की मांग उठी थी। लेकिन पहाड़ की जनता के हित में सतपाल महाराज ने सुबह के स्थान पर शाम को गढ़वाल एक्सप्रेस रेल सेवा को चलवा दिया था। लेकिन कुछ समय बाद यह रेल सेवा बंद हो गयी थी। बाद में पौड़ी सांसद अनिल बलूनी ने गढ़वाल एक्सप्रेस के समय पर सिद्धबली एक्सप्रेस कोटद्वार से दिल्ली के लिए चलवा दी थी। इस रेल सेवा में सामान्य यात्री कोच न होने से यह रेल आम जनता से दूर हो गयी। इससे पहले दिल्ली से देहरादून के बीच चलने वाली मसूरी एक्सप्रेस ट्रेन में कोटद्वार के लिए अलग से कोच लगते थे जो नजीबाबाद स्टेशन पर अलग होकर कोटद्वार जाते आते थे। सांसद अनिल बलूनी के प्रयास से कोटद्वार से आंनद विहार के लिए एक एक्सप्रेस रेल सेवा संचालित की गयी वह रात को दस बजे कोटद्वार से आंनद विहार के लिए तथा आनंद विहार से रात को कोटद्वार के लिए संचालित होती है। लेकिन तमाम मांग व प्रयास के बाद भी कोटद्वार से प्रातः एक ट्रेन दिल्ली व जयपुर के लिए संचालित नहीं हो पाई है। अब कोटद्वार के व्यापारियों, नौकरीपेशा व युवाओं ने जनहित में कोटद्वार से दिल्ली के लिए प्रातः में एक एक्सप्रेस सेवा संचालित करने की मांग को पौड़ी सांसद अनिल बलूनी के समक्ष उठाया है। नजीबाबाद के नागरिक, बुद्धिजीवी तो दो दशक से इस मांग को उठा रहे हैं। कोटद्वार से सवेरे चार से आठ बजे तक हजारों नागरिक सरकारी बसों से दिल्ली का महंगा सफर करने को मजबूर है अधिकांश नागरिकों का मानना है यदि कोटद्वार से दिल्ली के लिए सवेरे पांच बजे रेल चलकर वही रेल दोपहर बाद देर शाम कोटद्वार पहुंच सकती है। इस रेल सेवा के संचालन से अमरोहा, बिजनौर व पौड़ी गढ़वाल की जनता को सीधा सुगम तथा किफायती सफर मिल सकेगा।
