उत्तराखण्डधर्म/संस्कृतिपौड़ी

गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस पर निकाली गई प्रभात फेरी

विद्यार्थियों ने गुरु तेगबहादुर के संदेश को जीवन में अपनाने की प्रेरणा ली: मुख्य शिक्षाधिकारी

पौड़ी। गुरु तेगबहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को जनपदभर में धूमधाम से मनाया गया। इस अवसर पर समाज कल्याण व शिक्षा विभाग के तत्वावधान में समस्त नगरीय क्षेत्रों के शिक्षण संस्थानों के छात्रों द्वारा स्थानीय बाजारों और सार्वजनिक स्थलों पर प्रभात फेरी निकाली गयी।

मुख्य शिक्षा अधिकारी नागेंद्र बर्तवाल ने कहा कि गुरु तेगबहादुर ने धार्मिक सहिष्णुता, मानवाधिकारों की रक्षा और समाज में नैतिक मूल्यों की स्थापना के लिए अपने प्राणों की आहुति दी थी। उनका संदेश आज भी प्रासंगिक है और विद्यार्थियों को न्याय, करुणा और अहिंसा के मार्ग पर चलने की प्रेरणा देता है। कार्यक्रम के दौरान विद्यार्थियों ने उनके शौर्य, त्याग और अनुशासन के विविध आयामों पर आधारित पोस्टर प्रदर्शनी लगाकर उनके जयकारे भी लगाए।

उन्होंने बताया कि नगरीय क्षेत्रों के समस्त शिक्षण संस्थानों के प्रधानाचार्यों और शिक्षकों ने विद्यार्थियों को गुरु तेगबहादुर के साहसिक जीवन और उनके आदर्शों के महत्व को समग्र रूप से समझाया और उनके संदेश को दैनिक जीवन में अपनाने के लिए प्रोत्साहित किया। इस अवसर पर विद्यार्थियों, शिक्षकों और नागरिकों ने मिलकर गुरु तेगबहादुर के अमर योगदान को याद किया और उनका जीवन एक प्रेरणा स्रोत के रूप में प्रस्तुत किया।

अपर समाज कल्याण अधिकारी अनिल सेमवाल ने कहा कि गुरु तेगबहादुर का जीवन समाज के लिए सर्वोच्च त्याग और नैतिक साहस का प्रतीक है। उन्होंने अपने आदर्शों और संदेशों के माध्यम से हर व्यक्ति को समानता, मानवाधिकारों की रक्षा और धर्मनिरपेक्षता के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी थी। उन्होंने लोगों से अपील करते हुए कहा कि वह उनके साहस, बलिदान और अनुशासन से सीख लेकर समाज में नैतिक मूल्यों और करुणा को बढ़ावा दें।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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