उत्तराखण्डपौड़ीशिक्षा

राजकीय महाविद्यालय जयहरीखाल में वनाग्नि नियंत्रण हेतु प्रशिक्षण कार्यशाला हुयी आयोजित

छात्र छात्राओं को विभिन्न तरीकों से जंगलों की आग बुझाने का दिया गया व्यावहारिक प्रशिक्षण

जयहरीखाल। भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय में भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के संयुक्त तत्वावधान में एक दिवसीय वनाग्नि नियंत्रण प्रशिक्षण कार्यशाला का आयोजन किया गया। इस जागरूकता कार्यशाला में महाविद्यालय के एनएसएस स्वयंसेवक,एनसीसी कैडेट्स व छात्र छात्राएं उपस्थित रहे।

शनिवार को आयोजित कार्यशाला में प्रभागीय वनाधिकारी स्पर्श काला ने बताया कि उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में प्रति वर्ष ग्रीष्मकाल में सैकड़ों हेक्टेयर वन भूमि आग की भेंट चढ़ जाती है। इससे न केवल वन्य जीवों को खतरा होता है, बल्कि वायु प्रदूषण और मृदा अपरदन जैसी गंभीर समस्याएं भी उत्पन्न होती हैं। उन्होंने फायर फॉरेस्ट मोबाइल एप्लिकेशन के उपयोग पर विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि किस प्रकार आम नागरिक वनाग्नि की सूचना तत्काल वन विभाग को 1926 टोल फ्री नंबर या एप के माध्यम से दे सकते हैं।

उपप्रभागीय वनाधिकारी प्रशांत हिंदवाण ने ग्रीष्मकालीन अग्नि सत्र (15 फरवरी से 15 जून) के दौरान विशेष सावधानियों पर प्रकाश डालते हुए बताया कि इस अवधि में वनों में सूखी पत्तियों और घास के जमाव के कारण आग लगने का खतरा अधिक होता है। ऐसे में पिकनिक मनाने वालों को विशेष सतर्कता बरतनी चाहिए और किसी भी प्रकार का धूम्रपान या आग लगाने से बचना चाहिए।

वरिष्ठ प्राध्यापक प्रो. डा. एसपी मधवाल ने अपने संबोधन में कहा कि पर्यावरण संरक्षण केवल सरकारी विभागों की जिम्मेदारी ही नहीं है, बल्कि यह प्रत्येक नागरिक का नैतिक दायित्व है। हम सभी को मिलकर वन संपदा की रक्षा करनी होगी।

महाविद्यालय की प्राचार्या प्रो. डा. एलआर राजवंशी ने अपने संबोधन में वन विभाग के अधिकारियों का आभार किया। उन्होंने कहा कि यह प्रशिक्षण हमारे छात्रों के लिए अत्यंत उपयोगी सिद्ध हुआ है तथा महाविद्यालय परिवार वन संरक्षण और पर्यावरण सुरक्षा के प्रति हमेशा प्रतिबद्ध रहा है। वहीं यह कार्यक्रम हमारे युवाओं को सामाजिक दायित्वों के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाएगा।

कार्यशाला में वन क्षेत्राधिकारी विषम दत्त जोशी के नेतृत्व में छात्र छात्राओं को विभिन्न तरीकों से जंगलों की आग बुझाने का व्यावहारिक प्रशिक्षण दिया गया।

इस अवसर पर ग्राम प्रशासक दीपक सिंह बिष्ट, सरपंच बिजेंद्र सिंह, प्रतिनिधि हंस फाउंडेशन संजय सिंह बजवाल, समन्वयक एनएसएस डा.अर्चना नौटियाल, सहायक समन्वयक एनएनएस डा. अजय रावत, एनसीसी अधिकारी लेफ्टिनेंट डा. देवेंद्र सिंह चौहान सहित अनेक ग्रामीण उपस्थित थे।

Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad Ad

चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
Back to top button