समस्त सरकारी भवनों में रेन वाटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए: जिलाधिकारी
स्प्रिंग एंड रिजुवनेशन अथॉरिटी (सारा) व कैच द रेन की बैठक में जिलाधिकारी ने अधिकारियों को दिए निर्देश

पौड़ी। जिलाधिकारी की अध्यक्षता में स्प्रिंग एंड रिजुवनेशन अथॉरिटी (सारा) व कैच द रेन की प्रगति की समीक्षा बैठक आयोजित हुई। बैठक में जिलाधिकारी ने जल स्रोत संरक्षण, संवर्द्धन और वर्षा जल संचयन को लेकर संबंधित विभागों को स्पष्ट निर्देश देते हुए कहा कि पानी की कमी वाले क्षेत्रों को प्राथमिकता पर चिन्हित कर त्वरित कार्यवाही करें।
मंगलवार को एनआईसी कक्ष में आयोजित बैठक में जिलाधिकारी स्वाति एस भदौरिया ने कहा कि वोजिन क्षेत्रों में पेयजल संकट अधिक है, वहां जल स्रोतों का चिन्हीकरण करते हुये उनके संरक्षण व संवर्द्धन हेतु योजनाएं बनाकर जल्द क्रियान्वयन शुरू किया जाए। उन्होंने कहा कि 366 जल स्रोतों का संवर्द्धन प्रस्तावित है। जिसके लिये संबंधित विभाग 25 जुलाई तक जल स्रोतों की सूची प्रस्तुत करना सुनिश्चित करें। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ऐसे सभी जल स्रोतों की उपयोगिता की नियमित मॉनिटरिंग की जाए जिन पर कार्य चल रहा है। ताकि यह ऑकलन किया जा सके कि संवर्द्धन कार्यों से वाटर डिस्चार्ज में सुधार हुआ है या नहीं।

जिलाधिकारी ने कहा कि सूखा प्रभावित क्षेत्रों की मैपिंग कर विशेष रणनीति तैयार करें। उन्होंने संकटग्रस्त जल स्रोतों की रिपोर्ट तत्काल प्रस्तुत करने और उनके संरक्षण के लिए जिम्मेदार कार्यदायी संस्थाओं का निर्धारण करने तथा चाख-खालों के निर्माण को भी प्राथमिकता देने को कहा जिससे जल संग्रहण को बढ़ावा मिल सके।
जिलाधिकारी भदौरिया ने अधिकारियों को एक करोड़ रुपये तक की योजनाओं के अनुमोदन के लिये मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) तैयार करने के निर्देश दिए। ताकि किसी भी योजना की डीपीआर बनाते समय उसका औचित्य स्पष्ट रूप से दर्ज किया जाए। उन्होंने सहायक नदियों के पुनर्जीवन के लिये चेकडैम, चालखाल, रिचार्ज पिट और तालाबों के निर्माण को जरूरी बताते हुये इस दिशा में ठोस प्रयास करने के निर्देश दिए। वहीं, कैच द रेन की समीक्षा करते हुए जल संस्थान को निर्देशित किया कि वर्षा जल संचयन के लिये टैंकों का निर्माण कराएं साथ ही विशेष रूप से समस्त सरकारी भवनों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग की व्यवस्था अनिवार्य रूप से की जाए।
बैठक में जिला विकास अधिकारी मनविंदर कौर, अधीक्षण अभियंता जल संस्थान प्रवीण सैनी, अधीक्षण अभियंता जल निगम मो. मीशम, उपनिदेशक जलागम डीएस. रावत, एसडीओ वन आयशा बिष्ट, परियोजना प्रबंधक जेजेएम कनुप्रिया रावत सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित रहे।












