उत्तराखण्डपौड़ी

राजकीय महाविद्यालय जयहरीखाल में संगोष्ठी एवं पौधारोपण कार्यक्रम हुआ आयोजित

"एक पेड़ मां के नाम" पर सौ से अधिक पौधे रोपे गए

जयहरीखाल/ कोटद्वार। भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय एवं भूमि संरक्षण वन प्रभाग लैंसडौन के संयुक्त तत्वावधान में विश्व पर्यावरण दिवस के अवसर पर “एक पेड़ मां के नाम” विषय पर गोष्ठी एवं पौधारोपण कार्यक्रम आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में महाविद्यालय के छात्र छात्राओं, एंटी ड्रग सेल, रेड क्रॉस के स्वयंसेवियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

आयोजित गोष्ठी को संबोधित करते हुए प्रभागीय वनाधिकारी स्पर्श काला ने बताया कि उत्तराखंड के वन क्षेत्रों में हर वर्ष ग्रीष्मकाल में सैकड़ों हेक्टेयर वन भूमि आग की भेंट चढ़ जाती है। जिससे वन्य जीवों, वायु प्रदूषण और मृदा अपरदन जैसी समस्याएं उत्पन्न होती हैं। उन्होंने ‘फायर फॉरेस्ट’ मोबाइल एप और 1926 टोल-फ्री नंबर के माध्यम से आम नागरिकों को वनाग्नि की सूचना देने की अपील की तथा पिरूल संग्रह केंद्रों और सिंगल यूज प्लास्टिक के उन्मूलन पर भी जोर दिया।

उपप्रभागीय वनाधिकारी प्रशांत हिंदवाण ने पौधारोपण कर इन पौधों के संरक्षण की आवश्यकता पर भी बल दिया। कार्यक्रम में विषम दत्त जोशी वन क्षेत्राधिकारी, रवि सैनी बीडीओ जयहरीखाल, नागेंद्र तनवार राज्य प्रमुख हंस फाउंडेशन व विनोद नेगी पूर्व पीटीए अध्यक्ष ने पर्यावरण संरक्षण हेतु युवाओं को प्रेरित किया।

इस अवसर पर महाविद्यालय परिसर की वाटिकाओं में छात्र छात्राओं, उपस्थित अधिकारियों व महाविद्यालय प्रशासन द्वारा सौ से अधिक छांवदार व फलदार पौधे रोपकर उनका संरक्षण करने का संकल्प लिया गया।

महाविद्यालय की प्राचार्य प्रोफेसर डा. लवली रानी राजवंशी द्वारा कार्यक्रम के समापन पर वन विभाग, हंस फाउंडेशन व मीडिया का आभार व्यक्त करते हुए अवगत कराया कि पर्यावरण के महत्व को दृष्टिगत रखते हुए महाविद्यालय परिसर में भक्त दर्शन और तीलू रौतेली वाटिका को स्थापित किया गया है। उन्होंने कहा कि आज लगाए गए सौ से अधिक पौधे महाविद्यालय को एक हरित परिसर बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है तथा यह आयोजन युवाओं को सामाजिक दायित्वों के प्रति और अधिक संवेदनशील बनाएगा।

कार्यक्रम का संचालन महाविद्यालय के वरिष्ठ प्राध्यापक प्रोफेसर डा. एसपी. मधवाल द्वारा किया गया। इस अवसर पर सरपंच महेंद्र सिंह गुसाईं, महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, शिक्षणेत्तर कर्मचारी एवं अन्य गणमान्य व्यक्ति उपस्थित रहे।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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