उत्तराखण्डखेल/मनोरंजनपौड़ी

खेल विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, परिश्रम और सामूहिकता की भावना विकसित करते हैं : ऋतु खण्डूडी

सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल में रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम के साथ 18वीं अंतर विद्यालीय क्रीड़ा प्रतियोगिता का हुआ आगाज

कोटद्वार। सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल पदमपुर में 18वीं अंतर विद्यालीय क्रीड़ा प्रतियोगिताओं का सोमवार को शुभारंभ हुआ। शुभारंभ कार्यक्रम में मुख्य अतिथि विधानसभा अध्यक्ष ऋतु खण्डूडी ने विद्यालय के अनुशासन की प्रशंसा करते बच्चों को खेल के साथ पढ़ाई में विद्यालय व क्षेत्र का नाम रोशन करने के लिए प्रोत्साहित किया।

सोमवार को पदमपुर स्थित विद्यालय परिसर में खेल प्रतियोगिताओं का शुभारंभ मुख्य अतिथि ऋतु खण्डूडी, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड के महाप्रबंधक अंबरीश त्रिपाठी , निदेशक कार्बेट नेशनल पार्क साकेत बडोला, उप खंड शिक्षाधिकारी अमित कुमार चंद व गढ़वाल बिजनौर डायसिस के बिशप फादर विंसेंट नरईपरमबिल्ल व फादर जौमी कवुंगल शिक्षा संस्था डायसिस बिजनौर द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया। इस दौरान खेल प्रतियोगिताओं में प्रतिभाग कर रही 32 स्कूलों के खिलाड़ियों द्वारा मार्च पास्ट कर अतिथियों को सलामी दी गई।

मुख्य अतिथि ऋतु खण्डूडी द्वारा अपने संबोधन में विद्यालय के अनुशासन की प्रशंसा करते हुए कहा कि शिक्षा का वास्तविक स्वरूप तभी पूर्ण होता है जब उसमें खेल, कला और संस्कृति का समावेश हो। उन्होंने कहा कि खेल विद्यार्थियों में आत्मविश्वास, परिश्रम और सामूहिकता की भावना विकसित करते हैं। इसलिए विद्यार्थियों के मानसिक विकास के लिए पढ़ाई के साथ साथ खेल भी उतना ही जरूरी है।

गढ़वाल बिजनौर डायसिस के बिशप फादर विंसेंट नरईपरमबिल्ल ने समस्त प्रतिभागी स्कूलों का स्वागत करते हुए कहा कि मैं आपको संबोधित करते हुए खुद को गौरवान्वित कर रहा हूं। उन्होंने समस्त प्रतिभागियों को शुभकामना देते हुए कहा कि खेल भावना के साथ अपनी प्रतिभा दिखाएं।

कार्बेट पार्क के निदेशक व सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल के पूर्व छात्र साकेत बडोला ने विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि मुझे आज तीस वर्ष बाद अपने विद्यालय में आने का मौका मिला है। आज मुझे खुशी हो रही है कि विद्यालय शिक्षा के क्षेत्र में पहले के मुकाबले बेहतर तरक्की कर चुका है।

वहीं, खंड शिक्षाधिकारी अमित कुमार चंद ने विद्यालय की प्रशंसा करते हुए कहा कि नौकरी के दौरान किसी विद्यालय में उन्होंने इतना भव्य कार्यक्रम पहली बार देखा है। उन्होंने उपस्थित अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि बच्चों को संस्कारवान बनाना जरूरी है ताकि वह जीवन में सफल व सम्मानित नागरिक बन सकें। उन्होंने कहा कि संस्कारों के बल पर ही जीवन की कठिनाइयों का सामना संभव है।

इससे पूर्व सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल पदमपुर के प्रबंधक जार्ज थेकुम चैरेल व प्रधानाचार्य डा. सिस्टर लिनेट व उप प्रधानाचार्य सिस्टर संगीता द्वारा समस्त अतिथियों को अंगवस्त्र व प्रतीक चिन्ह देकर सम्मानित किया गया।

मार्च पास्ट में आल सेंट स्कूल नई दिल्ली ने प्रथम, सेंट जोसेफ कान्वेंट स्कूल ने द्वितीय व सेंट मेरी कान्वेंट स्कूल घनशाली (टिहरी) ने तृतीय स्थान प्राप्त किया। सांस्कृतिक कार्यक्रम के दौरान बच्चों द्वारा जहां रंगारंग मराठी, गढ़वाली, कुमाऊनी, पंजाबी नृत्य पेश किए गए। वहीं, स्कूली बच्चों द्वारा योगा, साइकिलिंग व ताइक्वांडो की आकर्षक प्रस्तुतियां दी गईं।

कार्यक्रम में समस्त स्कूलों के प्रबंधक व प्रधानाचार्य, अध्यापक, अध्यापिकाएं व प्रतिभागी छात्र छात्राएं तथा स्थानीय अभिभावक मौजूद रहे।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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