उत्तर प्रदेशधर्म/संस्कृतिलखनऊ

लखनऊ में धूमधाम व भव्य तरीके से मनाया जाएगा दस दिवसीय उत्तराखंड महोत्सव

उत्तराखंड महापरिषद लखनऊ की बैठक में तैयारियों को लेकर हुई चर्चा

लखनऊ। उत्तराखंड महापरिषद लखनऊ द्वारा प्रतिवर्ष आयोजित दस दिवसीय उत्तराखंड महोत्सव को लेकर एक बैठक आयोजित की गई। बैठक में महोत्सव को भव्य व धूमधाम से मनाए जाने की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई।

बुधवार को कुर्मांचल नगर स्थित उत्तराखंड महापरिषद भवन के मोहन सिंह बिष्ट सभागार में परिषद के अध्यक्ष हरीश चन्द पंत की अगुवाई में दस दिवसीय उत्तराखंड महोत्सव की तैयारियों को लेकर चर्चा की गई। बैठक में निर्णय लिया गया कि यह महोत्सव आगामी 9 नवम्बर से 18 नवम्बर तक बीरबल साहनी मार्ग स्थित भारत रत्न पं. गोविंद बल्लभ पंत पर्वतीय सांस्कृतिक उपवन, गोमती तट में आयोजित किया जाएगा। महोत्सव में सांस्कृतिक, साहित्यिक तथा सामाजिक कार्यक्रमों के साथ साथ भारत के विभिन्न प्रांतों की पारंपरिक झलकियों को एक ही मंच पर प्रस्तुत किया जाएगा।

उत्तराखंड महापरिषद के अध्यक्ष हरीश चंद्र पंत ने बताया कि विभिन्न प्रकोष्ठों के प्रभारियों के साथ कार्यों की रूपरेखा पर चर्चा की गई। जिसमें तय किया गया कि महोत्सव का स्वरूप पूरी तरह उत्तराखंड की संस्कृति और परंपरा के अनुरूप होगा। “डांस उत्तराखंड डांस” प्रतियोगिता में उत्तराखंडी नृत्य की विविध शैलियाँ मंच पर प्रस्तुत की जाएंगी तथा भारत के विभिन्न राज्यों के लोकनृत्य भी एक मंच पर दिखाई देंगे। 35 महिला टीम लीडरों द्वारा पारंपरिक झोड़ा नृत्य की भव्य प्रस्तुतियां उत्तराखंडी सांस्कृतिक धरोहर का जीवंत उदाहरण होगी।

आयोजित महोत्सव में खानपान, हस्तशिल्प, लोककला और पारंपरिक परिधान के स्टाल भी जाएंगे। वहीं, साहित्यिक गोष्ठियाँ, वाचन, कवि सम्मेलन और सामाजिक संवाद तथा युवा प्रतिभाओं के लिए सांस्कृतिक कार्यशालाएँ व प्रतियोगिताएं भी आयोजित की जाएंगी। बैठक में वक्ताओं ने कहा कि उत्तराखंड महोत्सव 2025 का आयोजन न केवल प्रवासी उत्तराखंडियों के लिए एक भावनात्मक संगम होगा। बल्कि यह आयोजन समूचे भारत की लोक संस्कृति, विविधता और एकता का उत्सव भी बनेगा।

बैठक में परिषद के महासचिव भरत सिंह बिष्ट, सांस्कृतिक सचिव महेंद्र सिंह गइलाकोटि, पूरन सिंह जीना, दीवान सिंह अधिकारी, मंगल सिंह रावत, भुवन पटवाल, भुवन पाठक, राजेश बिष्ट, महेश रौतेला राजेंद्र सिंह बिष्ट, पुष्पा वैष्णव, पूनम कनवाल, राजेश बिष्ट व पूरन जोशी आदि मौजूद रहे।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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