उत्तराखण्डधर्म/संस्कृतिपौड़ी

भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के चरित्र का श्रवण कर भक्तिमय हुए श्रोता

पौड़ी। विकासखंड कल्जीखाल की मनियारस्यूं पट्टी स्थित ग्राम तकलना निवासी सेवानिवृत शिक्षक आचार्य सुदामा प्रसाद कपटियाल द्वारा अपने पिताजी स्व. वैध राम भरोसे कपटियाल एवं अनुज स्व. दिवाकर कपटियाल सहित अन्य पित्रों की पुण्य स्मृति में श्रीमद् भागवत पुराण कथा का आयोजन किया जा रहा है।

गुरुवार को श्रीमद भागवत कथा के चतुर्थ दिवस पर कथावाचक आचार्य मनोज थपलियाल ने भगवान श्रीकृष्ण की बाल लीलाओं के चरित्र का वर्णन करते हुए उपस्थित श्रोताओं को वात्सल्य प्रेम में सराबोर कर दिया। उन्होंने कहा कि भगवान बाल कृष्ण बचपन में सभी का मन मोह लिया करते थे तथा भगवान श्रीकृष्ण ने अपनी लीलाओं से गोकुलवासियों को सुख और समृद्धि दी थी। कथा श्रवण के दौरान भक्तिमय वातावरण में श्रोता श्रीकृष्ण भजनों में झूम उठे।

कथावाचक आचार्य मनोज थपलियाल ने श्रवण करने आए समस्त आगंतुकों व आयोजक यजमान परिवार का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि भागवत कथा के श्रवण करने से मानव को अलौकिक अनुभूति होती है व कष्टों से छुटकारा मिलता है। इसलिए हमेशा भागवत कथा का श्रवण करना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस तरह के धार्मिक आयोजनों से निरंतर पलायन के कारण वीरान पड़ी हमारे पूर्वजों की धरोवर को संवारने और नई पीढ़ी को अपनी संस्कृति जुड़ने का अवसर भी मिलता है। वहीं, देश प्रदेश में रहने वाले प्रवासी जब ऐसे पुण्य कार्यों में शामिल होने अपनी मातृभूमि में आते हैं तो उनकी बचपन से जुड़ी यादें ताजा हो जाती हैं। इस दौरान कथा आयोजकों द्वारा कथा श्रवण करने आए मेहमानों का स्वागत कर सम्मानित किया गया।

इस दौरान कथावाचक आचार्य मनोज थपलियाल के साथ सहयोगी पं. शिव प्रसाद कुकरेती, पं. मुकेश चन्द्र थपलियाल, पं. मनोज नैथानी, पं. धनानन्द बगासी, पं अनुप जुगराण व पं दीपक जोशी मौजूद रहे।

Ad Ad Ad Ad Ad

चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
Back to top button