प्रभु श्रीराम का जीवन हमें संस्कारी बनने की प्रेरणा देता है: पूर्व काबीना मंत्री नेगी
रामलीला में आठवें दिन अशोक वाटिका का हुआ मंचन

कोटद्वार। मातृ शक्ति लोक कला सांस्कृतिक समिति मानपुर द्वारा आयोजित रामलीला के आठवें दिन अशोक वाटिका लीला का मंचन किया गया। महिला पात्रों ने अपने जीवंत अभिनय से दर्शकों को मंत्र मुग्ध कर दिया। रामलीला का उद्घाटन बतौर मुख्य अतिथि पूर्व काबीना मंत्री सुरेन्द्र सिंह नेगी व पूर्व महापौर हेमलता नेगी ने दीप प्रज्जवलित कर किया।

शुक्रवार को शिब्बूनगर में आयोजित रामलीला के आठवें दिन महिला पात्रों द्वारा अशोक वाटिका लीला का बखूबी मंचन किया गया। इस दौरान मुख्य अतिथि पूर्व काबीना मंत्री सुरेंद्र सिंह नेगी ने रामलीला को प्राचीन परंपरा बताते हुए कहा कि यह मर्यादा, संस्कृति व संस्कार की पाठशाला है। इसका अनुसरण कर समाज में व्याप्त कई सामाजिक बुराइयों का जहां अंत किया जा सकता है। वहीं, भूल रहे मर्यादा, संस्कार व संस्कृति को हम पुन: स्थापित कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीराम ने जिस तरह अपना जीवन जिया था। ठीक उसी प्रकार हमें भी ऐसा ही जीवन जीने की जरूरत है। उन्होंने उपस्थितजनों से अपील करते हुए कहा कि हम सभी को प्रभु भगवान श्रीराम के जीवन मूल्यों को अपने जीवन में उतारना चाहिए।


पूर्व काबीना मंत्री नेगी ने रामलीला कमेटी की अध्यक्ष सरोज रावत व उनकी पूरी टीम की प्रशंसा करते हुए कहा कि उनके द्वारा रामलीला के माध्यम से पौराणिक संस्कारों एवं पद्धतियों को जीवंत रखने का प्रयास किया गया है।

वहीं, पूर्व महापौर हेमलता नेगी ने कहा कि रामलीला हमारी संस्कृति, धर्म व विरासत की प्रतीक है तथा प्रभु श्रीराम के आदर्श आज भी समाज को दिशा देने एक कार्य करते हैं। इस दौरान रामलीला का मंचन देखने के लिए भारी संख्या में महिलाएं, पुरुष व बच्चे उपस्थित रहे।


