राजकीय महाविद्यालय जयहरीखाल में दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ
उच्च शिक्षा के क्षेत्र में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान विकसित हो रहे : विधायक दिलीप रावत

कोटद्वार। भक्त दर्शन राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय जयहरीखाल में भौतिक एवं रसायन विज्ञान में अद्यतन विकास (एनसीआरडीपीजीएस 2025) विषय पर आयोजित दो दिवसीय राष्ट्रीय सम्मेलन का शुभारंभ हुआ। सम्मेलन में मुख्य अतिथि लैंसडौन विधायक मंहत दिलीप रावत, विशिष्ट अतिथि प्रोफेसर डा. वीके अग्रवाल प्राचार्य राजकीय व्यवसायिक महाविद्यालय बनास (पैठानी) एवं महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो. डा. लवली रानी राजवंशी द्वारा संयुक्त रूप से दीप प्रज्वलित कर किया गया।

सम्मेलन के शुभारंभ अवसर पर महाविद्यालय जयहरीखाल की प्राचार्य प्रो. डा. राजवंशी ने कहा कि यह सम्मेलन भौतिक एवं रसायन विज्ञान के क्षेत्र में नवीनतम शोधों और विकासों पर चर्चा का एक उत्कृष्ट मंच प्रदान करेगा। उनके द्वारा अतिथियों, विशेषज्ञों एवं देशभर से आए प्रतिभागियों का हार्दिक स्वागत करते हुए इस शैक्षणिक पहल की सफलता की कामना की गई।

मुख्य अतिथि विधायक महंत दिलीप रावत ने अपने संबोधन में कहा कि भारत अब “आत्मनिर्भर भारत” के रूप में उभर रहा है। जहां उच्च शिक्षा के क्षेत्र में देश में अंतर्राष्ट्रीय स्तर के संस्थान विकसित हो रहे हैं। उन्होंने कहा ऐसे राष्ट्रीय आयोजन छात्र -छात्राओं के ज्ञान विस्तार और क्षेत्र की शैक्षणिक गतिविधियों को गति प्रदान करते हैं। उन्होंने महाविद्यालय के शिक्षकों की सराहना करते हुए कहा कि हर छात्र छात्राओं में छुपी हुई ऊर्जा को संवारने का कार्य इस महाविद्यालय के प्राध्यापकों द्वारा किया जा रहा है। उन्होंने विज्ञान और प्रौद्योगिकी की भूमिका को राष्ट्र निर्माण के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण बताया।
आयोजित सम्मेलन हाइब्रिड माडल पर आयोजित किया गया। इसमें देश भर से सैकड़ों प्रतिभागी आनलाइन जुड़े और उन्होंने अपने शोधपत्र आनलाइन प्रस्तुत किए। वहीं, महाविद्यालय परिसर में उपस्थित प्रतिभागियों ने पोस्टर प्रस्तुतिकरण के माध्यम से अपने नवीन शोध कार्य को प्रदर्शित किया।
कार्यक्रम में महाविद्यालय की आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ (आईक्यूएसी) के समन्वयक डा. आरके द्विवेदी ने आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन प्रकोष्ठ की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए बताया कि कि किस प्रकार यह प्रकोष्ठ शैक्षणिक गुणवत्ता और समग्र उत्कृष्टता सुनिश्चित करने में सहायक है।
सम्मेलन के संयोजक डा. कमल कुमार एवं डा. मोहम्मद शहजाद द्वारा सुव्यवस्थित संचालन करते हुए कार्यक्रम की रूपरेखा प्रस्तुत की गई। कार्यक्रम के अंत में डा. डीएस चौहान (संयोजक) ने सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।
इस ऐतिहासिक शैक्षणिक आयोजन में महाविद्यालय के प्राध्यापकगण, कर्मचारी, छात्र -छात्राएं तथा देश के विभिन्न शिक्षण संस्थानों से आए प्रतिभागी उपस्थित रहे। कार्यक्रम के तहत अगले दो दिनों तक विभिन्न तकनीकी सत्रों में शोधार्थी अपने शोधपत्र प्रस्तुत कर नवीन विचारों का आदान प्रदान करेंगे। यह सम्मेलन शिक्षा जगत में नए सहयोग और नवाचार का मार्ग प्रशस्त करने में सफल रहा।
कार्यक्रम में महाविद्यालय के समस्त प्राध्यापकगण एवं कर्मचारीगण आदि उपस्थित रहे।
