उत्तराखण्ड महापरिषद ने धूमधाम से मनाई कैंची धाम की 61वीं वर्षगांठ
बाबा नीब करोली के भजनों पर झूम उठे श्रद्धालु

लखनऊ। उत्तराखण्ड महापरिषद के तत्वावधान में नीब करौली बाबा द्वारा स्थापित कैंची धाम मंदिर की 61वीं स्थापना वर्षगांठ बड़े ही धूमधाम से मनाई गई। इस अवसर पर आयोजित भजन संध्या में भक्तिमय वातावरण के बीच उपस्थित श्रद्धालुगण झूमने को विवश हो गए।

रविवार को कुर्मांचल नगर स्थित मोहन सिंह बिष्ट सभागार में बतौर मुख्य अतिथि पूर्वी विधानसभा लखनऊ के विधायक ओपी श्रीवास्तव ने दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम का शुभारम्भ किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि तथा महापरिषद के पदाधिकारियों ने बाबा नींब करौरी महाराज की प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धा सुमन अर्पित किए।

मुख्य अतिथि ओपी श्रीवास्तव ने अपने संबोधन में कहा कि कैचीधाम मंदिर का स्थापना दिवस केवल ईंट-पत्थर की नींव का स्मरण नहीं, बल्कि उस दिव्य चेतना और संकल्प का प्रतीक है, जिसने अनगिनत लोगों के जीवन को आध्यात्मिक शांति, दिशा और चमत्कारी अनुभवों से समृद्ध किया है। संस्था के अध्यक्ष हरीश चन्द्र पंत ने कहा कि पंडित लक्ष्मी नारायण शर्मा द्वारा 61 वर्ष पूर्व स्थापित यह स्थल केवल मंदिर नहीं, बल्कि एक शक्ति पीठ है। बाबा नीब करौली महाराज को हम सभी हनुमान जी का अवतार मानते हैं। उनका जीवन, सेवा और समर्पण आज विश्वभर में श्रद्धा और आस्था का प्रतीक बन चुका है।

इस मौके पर संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश की प्रसिद्ध भजन गायिका डा. अनु अन्नपूर्णा ने “मुझे कैंची में बुलाया है, यह कर्म नहीं तो क्या” आदि भजनों की शानदार प्रस्तुतियां देकर श्रद्धालुओं को झूमने को विवश कर दिया। वहीं, उत्तराखंड समाज के भजन गायकों रवीन्द्र देवतौला, गिरीश चन्द्र बहुगुणा, कमला चुफाल, विद्या पाण्डेय, मंजू पाण्डे, हरितिमा पंत, अपर्णा सिंह, रुपाली, रंजना जोशी, सोनाली सिंह, अंकिता ठाकुर, पूनम कनवाल, शशि जोशी व हेमा अधिकारी द्वारा भी भजनों की शानदार भक्तिमय प्रस्तुतियां दी गयी। कार्यक्रम के समापन अवसर पर महाप्रसाद का वितरण किया गया।

आयोजित कार्यक्रम का संचालन पूनम कनवाल द्वारा किया। इस अवसर पर महापरिषद के संयोजक दीवान सिंह अधिकारी, अध्यक्ष हरीश चन्द्र पंत, वरिष्ठ उपाध्यक्ष मंगल सिंह रावत, महासचिव भरत सिंह बिष्ट, कार्यक्रम प्रभारी पूरन चन्द्र जोशी, सह प्रभारी सुरेश पाण्डे, संस्कृति सचिव महेन्द्र सिंह गैलाकोटी, कोषाध्यक्ष केएस चुफाल, भुवन पटवाल, भुवन पाठक, भवान सिंह गर्बियाल, हेमा बिष्ट, कमला मेहरा, पुष्प गडाकोटि, जगत सिंह राणा, महेश रौतेला, लाल सिंह बिष्ट, हरीश चंद जोशी, पंकज खर्कवाल, देवेश्वरी पंवार, मोहन पंत व विजय बिष्ट आदि अनेक भक्तजन उपस्थित थे।











