उत्तराखण्डपौड़ी

उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की पहल पर ‘रिवर्स पलायन से ग्राम विकास सम्मेलन’ शुरु

मांग के अनुरूप गुणवत्ता के साथ बढ़ाएं उत्पादन : उपाध्यक्ष

पौड़ी। उत्तराखंड ग्राम्य विकास एवं पलायन निवारण आयोग की पहल पर दो दिवसीय रिवर्स पलायन से ग्राम विकास सम्मेलन शुरु हुआ। इस अवसर पर आयोग के उपाध्यक्ष ने रिवर्स पलायन चर्चा करते हुए ग्राम विकास में योगदान दे रहे ग्रामीण किसानों की सराहना की। उन्होंने कहा कि आज बाजार मांग के अनुरुप उत्पादन को गुणवत्ता के साथ बढ़ाए जाने की आवश्यकता है। जिससे किसानों की आय में वृद्धि होगी। उन्होंने अधिकारियों को इस महत्वपूर्ण कार्य में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने को कहा।

प्रसार प्रशिक्षण केंद्र पौड़ी में आयोजित सम्मेलन में विकासखंड यमकेश्वर, कल्जीखाल, पौड़ी, थलीसैंण, पाबौ, जयहरीखाल, रिखणीखाल व पोखड़ा में रिवर्स पलायन कर आजीविका संर्वद्धन में जुुटे बीस से अधिक किसानों ने प्रतिभाग किया। इस दौरान आयोग के उपाध्यक्ष डा. एसएस नेगी ने किसानों से संवाद कर रिवर्स पलायन पर चर्चा करते हुए कहा कि उत्तराखंड में पलायन की समस्या के समाधान की दिशा में यह सम्मेलन अहम भूमिका निभाएगा। इसमें क्षेत्र में भागीदारी कर रहे हर व्यक्ति द्वारा पहाड़ को समृद्ध बनाने में योगदान अनुकरणीय रहेगा।

इस दौरान रिवर्स पलायन कर खेती कर रहे किसान पाबौ के रोहित रावत, खांड्यूसैंण के यशपाल रावत, पौड़ी के विपिन कुमार, थलीसैंण के विक्रम सिंह व पौड़ी के पवन लिंगवाल, कल्जीखाल के दर्शन सिंह ने कहा कि रिवर्स पलायन के बाद रोजगार को ग्राम स्तर पर तलाशने में खेती सबसे बेहतर माध्यम रही। शुरुआत में उन्हें योजनाओं की जानकारी नहीं थी। लेकिन जैसे जैसे उन्हें जानकारी मिली वह विभाग से सहयोग लेते रहे।

उन्होंने कहा कि विभागों को किसानों के लिए समय पर उन्नत बीज उपलब्ध कराना होगा। साथ ही किसानों को समय समय पर प्रशिक्षण भी प्रदान किया जाए। उन्होंने किसानों से भी संयम बरतने का आह्वान किया। आयोग के सदस्य सचिव भरत चंद्र भट्ट ने कहा कि पलायन के कारणों के साथ समाधान पर काम किया जा रहा है।जिसके सकारात्मक परिणाम आ रहे हैं।

कार्यक्रम का संचालन आयोग के सदस्य रामप्रकाश पैन्यूली ने किया। इस अवसर पर आयोग के सदस्य दिनेश रावत, सदस्य सुरेश चंद्र सुयाल, ग्राम्य विकास विभाग के उपायुक्त प्रशासन हेमंती गुंज्याल, उपायुक्त कार्यक्रम संजय कुमार व प्रकाश रावत, शोध अधिकारी डा. गजपाल चंदानी आदि मौजूद रहे।

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चन्द्रपाल सिंह चन्द

संपादक - देवभूमि दर्पण
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