यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षा कार्यों के लिए मशीनें होंगी एयरलिफ्ट, चिनूक हेलीकॉप्टर से होगी ट्रायल लैंडिंग

उत्तरकाशी। यमुनोत्री धाम को चार धाम यात्रा से पूर्व सुरक्षित और सुविधाजनक बनाने की दिशा में प्रशासन ने बाढ़ सुरक्षा कार्यों को गति देने के लिए बड़ी कार्रवाई की है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के मार्गदर्शन में यमुनोत्री धाम में बाढ़ सुरक्षात्मक कार्यों के लिए आवश्यक भारी मशीनों को भारतीय वायुसेना के सहयोग से एयरलिफ्ट किया जाएगा।

जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने जानकारी देते हुए बताया कि विषम भौगोलिक परिस्थितियों और छह किलोमीटर लंबी खड़ी चढ़ाई वाले पैदल मार्ग के चलते मशीनों को स्थल मार्ग से पहुंचाना संभव नहीं है। इस चुनौती को देखते हुए जिला प्रशासन ने मशीनों को हवाई मार्ग से पहुंचाने का निर्णय लिया है। जिसके चलते सोमवार 21 अप्रैल को चीता हेलीकॉप्टर के माध्यम से यमुनोत्री में निर्मित हेलीपेड की रेकी की जाएगी। रेकी सफल रहने पर मंगलवार 22 अप्रैल को चिनूक हेलीकॉप्टर की ट्रायल लैंडिंग की जाएगी। इसके बाद सिंचाई विभाग की ओर से आवश्यक मशीनों को चिनूक हेलीकॉप्टर की मदद से एयरलिफ्ट कर मौके पर उतारा जाएगा, जिससे बाढ़ सुरक्षा कार्यों को प्रभावी ढंग से पूरा किया जा सके।
जिलाधिकारी ने बताया कि वर्ष 2024 में यमुनोत्री धाम और जानकी चट्टी क्षेत्र में भारी अतिवृष्टि और बाढ़ के कारण आधारभूत संरचनाओं को व्यापक नुकसान पहुंचा था। इसी को ध्यान में रखते हुए इस वर्ष चार धाम यात्रा से पूर्व बाढ़ सुरक्षा कार्यों को समयबद्ध तरीके से पूर्ण करने का लक्ष्य रखा गया है।
जिलाधिकारी ने बताया कि यमुनोत्री मंदिर और जानकी चट्टी के श्री राम मंदिर से अखोली पुल तक यमुना नदी के दोनों किनारों पर 1956.85 लाख रुपये की लागत से बाढ़ सुरक्षात्मक कार्य किए जा रहे हैं। इन कार्यों के लिए बड़ी मशीनों की आवश्यकता को देखते हुए भारतीय वायुसेना से सहयोग लिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि यह प्रयास न केवल यमुनोत्री धाम को सुरक्षित बनाएगा, बल्कि तीर्थ यात्रियों की सुविधा और सुरक्षा सुनिश्चित करने में भी अहम भूमिका निभाएगा। परियोजना का मुख्य उद्देश्य धाम और आसपास के क्षेत्रों को संभावित आपदाओं से सुरक्षित करना है। प्रशासन इस कार्य को समर्पण और तकनीकी समन्वय के साथ सफलतापूर्वक संपन्न करने के लिए पूरी तरह प्रतिबद्ध है।











